ITR Filling 2025 | 16.5 लाख तक की सैलरी पर जीरो टैक्स! सच या अफवाह?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 में नई कर व्यवस्था के तहत आयकर स्लैब में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। अब 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगेगा। इसके अतिरिक्त, 75,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी प्रदान किया गया है, जिससे कुल 12.75 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर देय नहीं होगा। हालांकि, यदि आपकी वार्षिक आय 16.5 लाख रुपये है, तो आप विभिन्न निवेश और प्रतिपूर्ति (रीइम्बर्समेंट) विकल्पों का उपयोग करके अपनी कर देयता को शून्य तक ला सकते हैं। उदाहरण के लिए, कन्वेंस रीइम्बर्समेंट, इंटरनेट बिल, यूनिफॉर्म, फ्यूल, बुक्स आदि के रीइम्बर्समेंट के माध्यम से आप अपनी कर योग्य आय को कम कर सकते हैं। साथ ही, 80CCD(2) के तहत NPS में नियोक्ता के योगदान का लाभ उठाकर भी कर में छूट प्राप्त की जा सकती है। 

हर साल जब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय आता है, तो नौकरीपेशा लोग और बिजनेस करने वाले लोग टैक्स बचाने के तरीके ढूंढने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ₹16.5 लाख तक की सैलरी पर भी जीरो टैक्स दिया जा सकता है? जी हाँ, यह

हर साल जब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का समय आता है, तो नौकरीपेशा लोग और बिजनेस करने वाले लोग टैक्स बचाने के तरीके ढूंढने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ₹16.5 लाख तक की सैलरी पर भी जीरो टैक्स दिया जा सकता है? जी हाँ, यह कोई अफवाह नहीं, बल्कि पूरी तरह से लीगल और इनकम टैक्स के नियमों पर आधारित है! सही प्लानिंग और डिडक्शंस (छूट) का इस्तेमाल करके आप टैक्स को न्यूनतम या शून्य कर सकते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि यह कैसे संभव है और किन तरीकों से आप भी अपने ITR में टैक्स बचा सकते हैं।


₹16.5 लाख सैलरी पर जीरो टैक्स – कैसे?

अगर आपकी वार्षिक सैलरी ₹16.5 लाख है, तो आप कई तरह के इनकम टैक्स डिडक्शंस और छूटों का फायदा उठाकर अपनी टैक्स देनदारी को शून्य तक ला सकते हैं। यह संभव होता है नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) और पुरानी कर व्यवस्था (Old Tax Regime) के तहत छूट और कटौतियों का सही इस्तेमाल करने से। आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लीजिए, आपकी कुल आय ₹16,50,000 है। इसमें से आपको मानक कटौती (Standard Deduction) के रूप में ₹50,000 की छूट मिलती है। इसके बाद, धारा 80C के तहत ₹1,50,000 की कटौती कर सकते हैं, जिसमें EPF, PPF, LIC, ELSS आदि शामिल हैं।


इसके अलावा, अगर आपने स्वास्थ्य बीमा लिया है, तो धारा 80D के तहत ₹50,000 तक की छूट क्लेम कर सकते हैं। अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो HRA (मकान किराया भत्ता) छूट के रूप में ₹2,00,000 की कटौती संभव है। साथ ही, अगर आपने नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश किया है, तो धारा 80CCD(1B) के तहत ₹50,000 की छूट भी मिल सकती है। अगर आपके पास होम लोन है, तो होम लोन पर ब्याज (धारा 24B) के तहत ₹2,00,000 तक की छूट मिलेगी। लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) के तहत ₹1,00,000 तक की कटौती भी संभव है। इसके अलावा, अन्य छूटों को मिलाकर कुल ₹1,00,000 की अतिरिक्त छूट भी क्लेम की जा सकती है।


इस प्रकार, अगर इन सभी कटौतियों को सही ढंग से प्लान किया जाए, तो आपकी कुल टैक्स योग्य आय शून्य हो जाएगी, और आपको कोई भी टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होगी। यानी ₹16.5 लाख की सैलरी पर भी आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा!


इन प्रमुख डिडक्शंस से बचाएं टैक्स!


1. धारा 80C - ₹1.5 लाख तक की बचत!

धारा 80C के तहत, आप ₹1,50,000 तक की कटौती क्लेम कर सकते हैं। इसके लिए आप PPF, EPF, NSC, ELSS, टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, और होम लोन प्रिंसिपल अमाउंट में निवेश कर सकते हैं। यह सबसे लोकप्रिय टैक्स बचत विकल्पों में से एक है।


2. धारा 80D - हेल्थ इंश्योरेंस से ₹50,000 तक की छूट!

अगर आपने स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लिया है, तो आप ₹50,000 तक की कटौती क्लेम कर सकते हैं। इसमें खुद और परिवार के लिए ₹25,000 तथा माता-पिता (यदि वे सीनियर सिटीजन हैं) के लिए ₹25,000 की अतिरिक्त छूट शामिल है।


3. NPS (80CCD(1B)) - ₹50,000 तक की अतिरिक्त छूट!

अगर आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश करते हैं, तो आप अतिरिक्त ₹50,000 तक की कटौती ले सकते हैं। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग के साथ-साथ टैक्स बचाना चाहते हैं।


4. होम लोन पर ब्याज (धारा 24B) - ₹2 लाख तक की छूट!

अगर आपके पास होम लोन है, तो आप ब्याज भुगतान पर ₹2,00,000 तक की कटौती क्लेम कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो पहले से घर खरीद चुके हैं या भविष्य में घर खरीदने की योजना बना रहे हैं।


5. HRA (House Rent Allowance) - ₹2 लाख तक की छूट!

अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो HRA छूट से आप अपनी टैक्स योग्य आय को कम कर सकते हैं। सही डॉक्यूमेंटेशन के साथ यह छूट लेना काफी आसान है।


6. लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) - ₹1 लाख तक की छूट!

अगर आपने यात्रा भत्ता (LTA) क्लेम किया है, तो इसमें भी ₹1,00,000 तक की टैक्स छूट मिल सकती है। यह छूट केवल यात्रा खर्चों पर लागू होती है और इसके लिए उचित प्रमाण प्रस्तुत करने होते हैं।


नई और पुरानी टैक्स व्यवस्था: कौन सी बेहतर है?

सरकार ने नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) और पुरानी टैक्स व्यवस्था (Old Tax Regime) के बीच चुनाव करने की सुविधा दी है। नई कर व्यवस्था में कम टैक्स दरें लागू होती हैं लेकिन इसमें कोई डिडक्शन नहीं मिलती, जबकि पुरानी कर व्यवस्था में अधिक टैक्स दर होती है लेकिन इसमें विभिन्न कटौतियों का लाभ मिलता है। यदि आपकी इनकम और निवेश योजनाएं कर बचत से जुड़ी हैं, तो पुरानी कर व्यवस्था आपके लिए अधिक फायदेमंद हो सकती है। और अगर आप टैक्स सेविंग की झंझट से बचना चाहते हैं और सीधे कम टैक्स देना चाहते हैं, तो नई व्यवस्था चुनें।

 "फैसला आपका है, बचत आपकी है – सही टैक्स व्यवस्था चुनकर अपने भविष्य को सुरक्षित बनाइए!" 


क्या ₹16.5 लाख पर जीरो टैक्स सच में संभव है?

हाँ! सही प्लानिंग और सभी कटौतियों का अधिकतम उपयोग करने पर ₹16.5 लाख तक की सैलरी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता। यह पूरी तरह से लीगल और इनकम टैक्स एक्ट के नियमों के तहत मान्य है। टैक्स प्लानिंग समय पर करें, जिससे आपको अधिकतम बचत मिल सके।


नई कर व्यवस्था 2025 और टैक्स छूट का गणित

सरकार ने 2025 के लिए नई कर व्यवस्था में कुछ बड़े बदलाव किए हैं। अब 6 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा और कुछ निवेश और कटौतियों (Deductions) का लाभ लेकर आप 16.5 लाख रुपये की सैलरी पर भी टैक्स बचा सकते हैं।अब सवाल उठता है कि यह कैसे संभव है? इसका जवाब है - स्मार्ट टैक्स प्लानिंग

सबसे पहले, आपको अपनी टैक्स योग्य आय (Taxable Income) को कम करना होगा ताकि वह 6 लाख रुपये से नीचे आ जाए। ऐसा करने के लिए आपको विभिन्न टैक्स कटौतियों (Deductions) और छूटों का सही उपयोग करना होगा।


कैसे घटाएं टैक्स योग्य आय? (Step-by-Step Guide)

अगर आपकी सैलरी 16.5 लाख रुपये है, तो आपको इसे इस तरह से घटाना होगा:


1. स्टैंडर्ड डिडक्शन - ₹75,000 की छूट

सरकार हर वेतनभोगी को ₹75,000 की स्टैंडर्ड डिडक्शन देती है। यह कटौती स्वतः ही आपकी सैलरी से घट जाती है।

16.5 लाख - 75,000 = 15.75 लाख


2. NPS में निवेश - ₹2,50,000 की छूट

अगर आपका नियोक्ता (Employer) नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में आपके वेतन का 10% निवेश करता है, तो यह ₹2.5 लाख तक टैक्स-फ्री होता है।

15.75 लाख - 2.5 लाख = 13.25 लाख


3. 80C के तहत छूट - ₹1,50,000

आप EPF (Provident Fund), PPF, LIC, ELSS म्यूचुअल फंड जैसी योजनाओं में निवेश करके ₹1.5 लाख तक की कटौती प्राप्त कर सकते हैं।

13.25 लाख - 1.5 लाख = 11.75 लाख


4. होम लोन ब्याज पर छूट - ₹2,00,000

अगर आपने होम लोन लिया है, तो धारा 80EEA के तहत ₹2 लाख तक की अतिरिक्त कटौती मिलती है।

 11.75 लाख - 2 लाख = 9.75 लाख


5. हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम - ₹75,000 की छूट

अगर आप स्वयं, परिवार और माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं, तो ₹75,000 तक की टैक्स छूट मिल सकती है।

9.75 लाख - 75,000 = 9 लाख


6. HRA और LTA छूट - ₹1,50,000

अगर आप किराए के मकान में रहते हैं, तो HRA (House Rent Allowance) और यात्रा खर्च के लिए LTA (Leave Travel Allowance) का लाभ उठाकर ₹1.5 लाख की कटौती पा सकते हैं।

9 लाख - 1.5 लाख = 7.5 लाख


7. वर्क फ्रॉम होम भत्ता - ₹1,50,000

अगर आपका नियोक्ता आपको इंटरनेट, मोबाइल, और यात्रा खर्च के लिए भत्ता देता है, तो यह ₹1.5 लाख तक टैक्स-फ्री हो सकता है।

7.5 लाख - 1.5 लाख = 6 लाख


अब आपकी टैक्स योग्य आय 6 लाख रुपये से नीचे आ गई है, और नई टैक्स व्यवस्था के तहत 6 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं है।


क्या यह सभी के लिए संभव है?

यह रणनीति आपकी वेतन संरचना (Salary Structure), निवेश योजना, और नियोक्ता द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं पर निर्भर करती है। यदि आप सभी टैक्स कटौतियों का लाभ उठा पाते हैं, तो 16.5 लाख रुपये की सैलरी पर जीरो टैक्स देना संभव है।


निष्कर्ष: स्मार्ट प्लानिंग से टैक्स बचाएं

अगर आप भी ₹16.5 लाख तक की सैलरी पर जीरो टैक्स देना चाहते हैं, तो सही डिडक्शंस और टैक्स प्लानिंग बहुत जरूरी है। सही समय पर ITR फाइल करें और टैक्स सेविंग ऑप्शंस को अपनाएं। पुरानी और नई टैक्स व्यवस्था की तुलना करें और समझदारी से चुनाव करें। अपने निवेश और खर्चों की पूरी जानकारी रखें, जिससे आप मैक्सिमम टैक्स बचत कर सकें! 

अगर यह जानकारी आपको फायदेमंद लगी हो, तो इसे अपने दोस्तों और परिवार के साथ शेयर करें!



अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. क्या सभी वेतनभोगियों के लिए 16.5 लाख रुपये तक जीरो टैक्स संभव है?

Ans.  हां, लेकिन यह आपकी सैलरी संरचना और टैक्स कटौती लेने की क्षमता पर निर्भर करता है।


Q2. क्या NPS में निवेश करना जरूरी है?

Ans.  NPS के जरिए टैक्स बचाया जा सकता है, लेकिन यह वैकल्पिक है।


Q3. क्या EPF और PPF दोनों पर टैक्स छूट मिलती है?

Ans. हां, लेकिन इन दोनों को मिलाकर अधिकतम ₹1.5 लाख तक की छूट उपलब्ध है।


Q4. क्या वर्क फ्रॉम होम भत्ते पर टैक्स छूट मिलती है?

Ans.  हां, यदि नियोक्ता आपके इंटरनेट, मोबाइल, और अन्य ऑफिस खर्च रीइम्बर्स करता है, तो यह टैक्स फ्री हो सकता है।


Q5. क्या टैक्स सेविंग के लिए CA की मदद लेनी चाहिए?

Ans. अगर आपकी आय संरचना जटिल है, तो चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) से सलाह लेना बेहतर होगा।

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