What is Debenture | डेबेंचर क्या होता है? पूरी जानकारी हिंदी में

अगर आप निवेश की दुनिया में कदम रख रहे हैं, तो आपने "डेबेंचर" (Debenture) का नाम जरूर सुना होगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह आपके वित्तीय पोर्टफोलियो को स्थिरता देने वाला एक मजबूत साधन हो सकता है? शेयर बाजार में निवेश करते समय लोग अक्सर असमंजस में रहते हैं कि शेयर और डेबेंचर में क्या अंतर है? या डेबेंचर में निवेश करना फायदेमंद होगा या नहीं? इस लेख में हम डेबेंचर की विशेषताएँ, प्रकार, और शेयरों से इसके अंतर को विस्तार से समझेंगे, ताकि आप एक सही निवेश निर्णय ले सकें।

What is Debenture | डेबेंचर क्या होता है? पूरी जानकारी हिंदी में

डेबेंचर क्या होता है?

डेबेंचर एक ऋण साधन (Debt Instrument) है, जिसे कंपनियां पूंजी जुटाने के लिए जारी करती हैं। जब कोई कंपनी डेबेंचर जारी करती है, तो इसका मतलब होता है कि वह निवेशकों से ऋण (Loan) ले रही है और एक तय समय बाद मूलधन के साथ ब्याज चुकाएगी।

अगर इसे सरल शब्दों में समझें, तो शेयरधारक किसी कंपनी के मालिक होते हैं, जबकि डेबेंचर धारक कंपनी के ऋणदाता (Creditors) होते हैं। डेबेंचर में निवेश करने वाले लोगों को एक निश्चित ब्याज मिलता है, चाहे कंपनी लाभ में हो या घाटे में। यही वजह है कि डेबेंचर को एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, क्योंकि इसमें पूंजी की गारंटी रहती है।


डेबेंचर की विशेषताएँ

  • डेबेंचर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह एक स्थिर और सुरक्षित निवेश है। इसमें निवेश करने वाले व्यक्ति को एक निश्चित ब्याज मिलता है, और यह निवेश शेयर बाजार की अस्थिरता से प्रभावित नहीं होता।
  • डेबेंचर में निवेश करने वाले लोग कंपनी के ऋणदाता होते हैं, इसलिए उन्हें कंपनी के फायदे या नुकसान से सीधा असर नहीं पड़ता। इसके अलावा, कुछ डेबेंचर संपत्ति द्वारा सुरक्षित (Secured) होते हैं, जिससे निवेशकों को और अधिक गारंटी मिलती है।
  • डेबेंचर की एक और खास बात यह है कि इसकी परिपक्वता अवधि (Maturity Period) तय होती है। यानी एक निश्चित समय के बाद आपको अपना मूलधन वापस मिल जाता है।


डेबेंचर के प्रकार (Types of Debentures)

डेबेंचर को कई प्रकारों में बांटा जा सकता है। कुछ डेबेंचर सुरक्षित होते हैं, तो कुछ बिना किसी गारंटी के जारी किए जाते हैं।

  • सिक्योर्ड डेबेंचर (Secured Debenture) – ये किसी संपत्ति द्वारा सुरक्षित होते हैं, जिससे निवेशकों को भुगतान की गारंटी मिलती है।
  • अनसिक्योर्ड डेबेंचर (Unsecured Debenture)– इनमें कोई संपत्ति गारंटी नहीं होती, लेकिन फिर भी कंपनी तय समय पर ब्याज और मूलधन चुकाती है।
  • रिडीमेबल डेबेंचर (Redeemable Debentures) – इन्हें एक निश्चित समय बाद वापस किया जाता है।
  • इर्रिडीमेबल डेबेंचर(Irredeemable Debentures) – इन्हें हमेशा के लिए जारी रखा जा सकता है और इन्हें वापस नहीं लिया जाता।
  • कन्वर्टिबल डेबेंचर (Convertible Debentures) – इन्हें बाद में शेयरों में बदला जा सकता है, जिससे निवेशकों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल सकती है।
  • नॉन-कन्वर्टिबल डेबेंचर (Non-Convertible Debentures) – इन्हें शेयरों में बदला नहीं जा सकता, लेकिन इन पर ज्यादा ब्याज दर मिलती है।


शेयर और डेबेंचर में क्या अंतर है?

  • शेयर खरीदने का मतलब है कि आप किसी कंपनी के मालिक (Owner) बन रहे हैं, जबकि डेबेंचर खरीदने का मतलब है कि आप कंपनी को ऋण (Loan) दे रहे हैं।
  • शेयरधारकों को केवल तब लाभ मिलता है जब कंपनी मुनाफे में होती है, लेकिन डेबेंचर धारकों को हर हाल में निश्चित ब्याज मिलता है, चाहे कंपनी लाभ में हो या घाटे में।
  • शेयर बाजार की अस्थिरता के कारण शेयरों का मूल्य घटता-बढ़ता रहता है, लेकिन डेबेंचर का मूल्य स्थिर रहता है। शेयरों में निवेश करना जोखिम भरा होता है, जबकि डेबेंचर एक सुरक्षित निवेश विकल्प है।
  • शेयरधारकों को कंपनी के निर्णयों में मतदान का अधिकार मिलता है, लेकिन डेबेंचर धारकों को ऐसा कोई अधिकार नहीं होता। हालांकि, अगर कंपनी दिवालिया हो जाती है, तो सबसे पहले डेबेंचर धारकों को भुगतान किया जाता है, जबकि शेयरधारकों को अंत में।


डेबेंचर जारी करने की प्रक्रिया

डेबेंचर को तीन मुख्य तरीकों से जारी किया जाता है:

  • पब्लिक इश्यू: जब कंपनी आम जनता को सीधे डेबेंचर बेचती है।
  • प्राइवेट प्लेसमेंट: जब कंपनी कुछ विशेष निवेशकों को डेबेंचर जारी करती है।
  • राइट्स इश्यू: जब मौजूदा निवेशकों को प्राथमिकता के साथ डेबेंचर खरीदने का मौका दिया जाता है।


डेबेंचर में निवेश करने के फायदे और नुकसान

फायदे:

  •  डेबेंचर में जोखिम कम होता है क्योंकि इसमें निश्चित ब्याज मिलता है।
  •  निश्चित रिटर्न की गारंटी होती है, चाहे कंपनी लाभ में हो या घाटे में।
  •  शेयरों की तुलना में पूंजी की सुरक्षा अधिक होती है।
  •  अगर कंपनी बंद हो जाती है, तो सबसे पहले डेबेंचर धारकों को भुगतान किया जाता है।


नुकसान:

  •  डेबेंचर पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है।
  • शेयरों की तरह इसमें मूल्य में वृद्धि (Capital Appreciation) नहीं होती।
  •  महंगाई (Inflation) बढ़ने पर डेबेंचर पर मिलने वाला ब्याज कम लग सकता है।


निष्कर्ष

डेबेंचर एक सुरक्षित और स्थिर निवेश विकल्प है, जो निवेशकों को निश्चित ब्याज और पूंजी की सुरक्षा प्रदान करता है। अगर आप शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से बचना चाहते हैं और अपने पैसे को निश्चित रिटर्न के साथ निवेश करना चाहते हैं, तो डेबेंचर एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। हालांकि, निवेश से पहले कंपनी की वित्तीय स्थिति और डेबेंचर की शर्तों को अच्छी तरह समझना जरूरी है।


 क्या आप सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं? तो डेबेंचर आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है! 


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1. क्या डेबेंचर में निवेश करना सुरक्षित है?

ANS.  हां, डेबेंचर शेयरों की तुलना में सुरक्षित होता है क्योंकि इसमें निश्चित ब्याज मिलता है और मूलधन की वापसी की गारंटी होती है।


Q2. क्या डेबेंचर को शेयरों में बदला जा सकता है?

ANS. कन्वर्टिबल डेबेंचर को शेयरों में बदला जा सकता है, लेकिन नॉन-कन्वर्टिबल डेबेंचर को नहीं।


Q3. क्या डेबेंचर पर टैक्स देना पड़ता है?

ANS. हां, डेबेंचर से मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लागू होता है।


Q4. डेबेंचर और बॉन्ड में क्या अंतर है?

ANS.  डेबेंचर और बॉन्ड दोनों ही ऋण साधन हैं, लेकिन बॉन्ड अधिकतर सरकारें जारी करती हैं, जबकि डेबेंचर कंपनियां जारी करती हैं।


Q5. क्या डेबेंचर को स्टॉक एक्सचेंज पर खरीदा-बेचा जा सकता है?

ANS.  हां, लिस्टेड डेबेंचर को स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किया जा सकता है।


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