शेयर मार्केट क्या है और कैसे चलता है? जानिए कैसे काम करता है शेयर बाजार

शायद आपको पता नहीं होगा कि "शेयर मार्केट क्या है और कैसे चलता है?", आप ही नहीं आप जैसे बहुत से लोग जाने अनजाने या किसी के कहने पर शेयर मार्केट से पैसा कमाने के लिए बाजार में अपना पैसा लगा देते हैं। जबकि आप जैसे लोगो को पता ही नहीं होता कि "शेयर मार्केट क्या है और शेयर मार्केट की कार्यप्रणाली क्या है है?"

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ज्यादातर आम निवेशक अपना पैसा तो शेयर मार्केट में लगा देते हैं, लेकिन कुछ दिन या यूँ कहिये कि कुछ महीनों या फिर एक दो साल बाद या तो शेयर मार्केट में पैसा लगाना बंद कर देते हैं या फिर अपना लगाया हुआ पैसा गवां बैठते हैं, या फिर मार्केट में तेजी होने के बाद भी उनका पैसा ज्यों का त्यों पड़ा रहता है। इसका केवल और केवल एक ही कारण होता है कि  ऐसे लोगों को ये पता ही नहीं होता कि "शेयर मार्केट क्या है और कैसे चलता है?"

अगर आप इसे जानने की इच्छा रखते हैं तो इस लेख को ईमानदारी से मन लगाकर अंत तक जरूर पढियेगा। हम इस लेख में बहुत ही सरल और आसान भाषा में बताने जा रहे हैं। आइये इसे अलग तरह से विस्तार से समझते हैं -

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शेयर मार्केट क्या होता है और शेयर मार्केट का पूरा ढांचा कैसे काम करता है ?

आप प्रतिदिन जाने अनजाने में चाहे ऑफलाइन हो या ऑनलाइन कुछ न कुछ खरीददारी तो करते ही होंगे। तो ये खरीददारी आखिरकार कहाँ से करते होंगे? जाहिर सी बात है कि ये खरीददारी  किसी न किसी मार्केट से ही करते होंगे। और ये मार्केट ही एक ऐसा जगह होता है जहाँ पर अनेकों प्रकार की ढेर सारी दुकाने होती हैं और जहाँ पर आवश्यक सभी चीजें उपलब्ध होती हैं। लेकिन ये जो खरीददारी आप करते हैं ज्यादातर दैनिक उपभोग में आने वाली चीजें या फिर जीवन यापन के लिए ही करते होंगे। 

लेकिन आपकी खरीददारी यहीं तक सीमित नहीं होती हैं। आप कुछ अपने भविष्य के लिए भी खरीददारी कर सकते हैं, जो कि आज आपको सस्ते दामों में उपलब्ध हैं और कुछ दिन बाद ये महंगे हो जायेंगे। जिसे बेचकर आप लाभ कमा लेंगे। 

शायद आपको ये पता होगा कि ये सभी सामान जो कि सभी लोकल मार्केट में उपलब्ध होते हैं, किसी न किसी मंडी से ही आते हैं। और ये लोकल स्तर की मंडियां ही लोकल लेवल पर एक्सचेंज का काम करती हैं। जिनका देखभाल सरकारी कर्मचारी करते हैं। साथ ही इनका एक ऐसा Chain होता है कि जो घरेलु स्तर से होकर देश के मुख्य बाजार से जुड़ा है।

आप देखते होंगे कि इन मंडियों में उपलब्ध सामानों के भाव दैनिक रूप से खुलते व बंद होते रहते हैं। इतना ही नहीं अकसर ऐसा भी होता है कि इनका भाव दिन भर में कई बार अप व डाउन भी होता रहता है। लेकिन इसका ज्यादा असर लोकल लेवल पर नहीं पड़ता है। इसीलिए आम लोगों को इसके बारे में पता नहीं चल पाता। और बाजार की इन हलचलों से अनभिज्ञ रहता है। 


ठीक इसी तरह शेयर मार्केट भी है, जो कि शेयर बाजार और स्टॉक मार्केट के भी नाम से जाना जाता है। शेयर मार्केट भी किसी न किसी एक्सचेंज से ही जुड़ा होता है। जैसे कि भारत में दो एक्सचेंज है। 

1. BSE ( Bombey Stock Exchange) जिसे सेंसेक्स भी कहा जाता है। 

2. NSE (National Stock Exchange) जिसे निफ़्टी कहा जाता है। 

पूरे भारतीय शेयर मार्केट को यही दोनों एक्सचेंज ही चलाते हैं। यही वह जगह होता है जहाँ पर शेयर मार्केट में कारोबार करने के लिए कम्पनियाँ लिस्ट होती हैं। 


मुख्यतः शेयर मार्केट एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ पर एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों के शेयर वर्चुअली ट्रेड होते हैं। और ट्रेडर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट  के माध्यम से एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनियों के शेयरों का ट्रेडिंग करते हैं। शेयर मार्किट में ट्रेडिंग फिजिकली ना होकर वर्चुअली होते हैं। इसका मतलब ये है कि शेयर मार्केट में ट्रेडर जो पैसा लगाते हैं उस पैसे का उनको कोई फिजिकली कोई सामान नहीं मिलता है, बल्कि कम्पनियाँ इन ट्रेडर्स को अपना हिस्सेदार बनाती हैं। 
अब आप सोच रहे होंगे कि शेयर मार्केट से कंपनियों के शेयर खरीदने के लिए किसी न किसी विशेष जगह या स्थान पर जाना पड़ता होगा। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है। चूँकि शेयर मार्किट में कंपनियों के शेयर वर्चुअली इलक्ट्रोनिक मोड में ट्रेड होते हैं साथ ही इन शेयरों की कीमतें भी इलक्ट्रोनिक मोड में ही होती हैं। इसीलिए इन शेयरों को खरीदने के लिए आपको कहीं आने-जाने की आवश्यकता नहीं होती है। साथ ही आप घर बैठे इन शेयरों की खरीददारी व विक्री कर सकते हैं। 

शेयर मार्केट कितने प्रकार के होते हैं ?

शेयर मार्केट का आकार बहुत ही बड़ा है। शायद आपको पता होगा कि शेयर मार्केट में जितनी भी कम्पनियाँ अपने शेयरों की ट्रेडिंग के लिए आती हैं। ये सभी प्राइवेट सेक्टर की ही होती हैं। साथ ही इन कंपनियों को किसी भी एक्सचेंज में लिस्ट होने के लिए सबसे पहले पब्लिक सेक्टर का होना पड़ता है। और जब ये कम्पनियाँ एक बार पब्लिक हो जाती हैं तो इन्हे दो अलग-अलग स्टेप में शेयर मार्किट में इंट्री मिलती है। 

  • प्राइमरी मार्केट : इसी को ही सामान्यतया प्राथमिक बाजार भी कहा जाता है।  कोई भी प्राइवेट कंपनी एक बार जब पब्लिक होती है और शेयर मार्केट में एंट्री लेती हैं तो इन कंपनियों को सबसे पहले आईपीओ (Initial Public Offer) लाना पड़ता है। इसी आईपीओ के माध्यम से ही कम्पनियाँ पहली बार अपने शेयर जारी करती हैं। 
  • सेकेंडरी मार्केट: इसको द्वितीयक बाजार भी कहा जाता है। असल में शेयर मार्केट यही होता है, जहाँ पर कंपनियों के शेयर ट्रेड करते हैं।  प्राइमरी मार्किट के जरिये कंपनियों के पहले से जारी हुए शेयरों को ही सेकेंडरी मार्केट में ट्रेडर्स खरीदते और बेचते हैं। 

शेयर मार्केट कैसे चलता है ?

शायद अब तक आप समझ गए होंगे कि किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में एंट्री लेने के लिए मुख्यतः दो स्टेप फॉलो करने होते हैं। पहला जो कि प्राइमरी मार्केट होता है, जिसमे कम्पनियाँ अपना आईपीओ लती हैं और कंपनी के शेयर का प्राइस तय करती हैं। और दूसरा जो कि सेकेंडरी मार्केट है जहाँ पर कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग असल में शुरू होती है। यहीं पर कंपनियों के मालिक का अपना नियंत्रण ख़त्म हो जाता है और शेयरों के प्राइस मांग और आपूर्ति के आधार पर तय होने लगता है।साथ ही कंपनी के शेयर आम पब्लिक को खरीद बिक्री करने के लिए उपलब्ध हो जाते हैं। 

शेयर मार्केट कुल मिलाजुला कर कंप्यूटर बेस्ड सिस्टम से चलता है जहाँ पर लाखों लोग रोजाना कंपनियों के शेयर खरीदते और बेचते हैं। इसमें 3 मुख्य किरदार होते हैं:
  • कंपनी – जो अपने शेयर बेचती है। 
  • निवेशक व ट्रेडर्स (आप जैसे लोग) – जो कंपनियों के शेयर खरीदते या बेचते हैं। 
  • स्टॉक एक्सचेंज (जैसे BSE और NSE) – यही वो जगह है जहाँ पर ये सारी खरीद-बिक्री होती है। 

शेयर का भाव कैसे तय होता है?

हम यहाँ पर आपको बता दें कि शेयरों का दाम "मांग और आपूर्ति" के आधार पर तय होता है। जैसे कि अगर 100 लोग एक ही शेयर को खरीदना चाहते हैं,  लेकिन उक्त शेयर को बेचने वाले सिर्फ 10 ही हैं, तो उस शेयर की कीमत अपने आप बढ़ जाएगी। और उसी शेयर को अगर बेचने वाले ज्यादा हैं और खरीदने वाले कम हैं तो उस शेयर की कीमत गिर जाएगी।

शेयर मार्केट को कौन-कौन चलाता है?

  1. रिटेल निवेशक – जैसे आप और मैं। 
  2. बड़े निवेशक – म्यूचुअल फंड, LIC, बैंक्स आदि। 
  3. विदेशी निवेशक (FII) – विदेशी कंपनियाँ और फंड्स। 
  4. कंपनी खुद (Promoters) – जिनका सबसे बड़ा हिस्सा होता है। 
इन सभी की गतिविधियाँ ही मार्केट के इंडेक्स को ऊपर-नीचे करती हैं।

शेयर खरीदने और बेचने की प्रक्रिया क्या है ?

  1. इसके लिए सबसे पहले आपको Demat अकाउंट खोलना होता है। चूंकि शेयर डिजिटल फॉर्म में होते है, इसे रखने के लिए कम से कम एक Demat अकाउंट की आवश्यकता होती है।
  2. साथ ही दूसरा स्टेप Trading account की होती है। इसी Trading अकाउंट से ही ऑर्डर लगाया जाता हैं। 
  3. तीसरा स्टेप बाजार में ऑर्डर का मैच करना होता है। जैसे ही कोई उस दाम पर शेयर बेचने को तैयार होता है, आपकी डील हो जाती है।
  4. सबसे लास्ट में ये शेयर Dmat अकाउंट में आ जाता है, फिर वो शेयर आपके अकाउंट में जमा हो जाता है, और आप उसके मालिक बन जाते हैं।

शेयर बाजार कितने बजे खुलता है?

भारत में मार्केट का समय है:
सेशन                                                                                      समय
प्री-ओपन सेशन                                              सुबह 9:00 से 9:15
मुख्य सेशन                                                    सुबह 9:15 से दोपहर 3:30
पोस्ट क्लोज़िंग सेशन                                     3:30 से 4:00 बजे तक

शेयर मार्केट की चाल को क्या प्रभावित करता है?

✔ कंपनी का रिजल्ट : अगर कंपनी अच्छा मुनाफा कमाए, तो शेयर बढ़ेगा।
✔ सरकार की नीतियाँ : बजट, टैक्स, ब्याज दरें — इनसे शेयर बाजार पर असर पड़ता है।
✔ ग्लोबल घटनाएँ : जैसे युद्ध, डॉलर का दाम, अमेरिका का बाजार — ये भी असर डालते हैं।

निष्कर्ष: 

अब तक आपने जाना कि शेयर मार्केट क्या है और यह कैसे काम करता है।  साथ ही इसमें कंपनियाँ, निवेशक और एक्सचेंज किस तरह अपनी भूमिका निभाते हैं। शेयर बाजार कोई रहस्यमयी या सिर्फ अमीरों का खेल नहीं है, बल्कि यह आम आदमी के लिए एक ऐसा मंच है जहाँ थोड़ी समझदारी और जानकारी के साथ आप अपने भविष्य को बेहतर बना सकते हैं।

शेयर मार्केट में कमाई के बहुत सारे मौके हैं, लेकिन साथ ही इसमें कुछ जोखिम भी है। इसलिए जरूरी है कि आप बिना किसी जल्दबाज़ी के पहले इसे समझें, सीखें, और फिर सोच-समझकर निवेश करें। अगर आपने सही रास्ता चुन लिया, तो यह मार्केट न केवल आपको आर्थिक रूप से मज़बूत बना सकता है, बल्कि आपकी सोच और समझ को भी एक नया आयाम दे सकता है।


❓ FAQs:  

1. क्या शेयर मार्केट से पैसे कमाना आसान है?
अगर आप इसे सीखकर चलें, तो हां। लेकिन बिना जानकारी के जल्दबाज़ी में नुकसान हो सकता है।

2. क्या कम पैसों से शुरुआत कर सकते हैं?
हाँ, बिलकुल। आप ₹100 से भी शेयर खरीद सकते हैं।

3. क्या शेयर बाजार जुआ है?
नहीं, शेयर बाजार जुआ नहीं है। जुआ तब होता है जब आप बिना सोचे-समझे पैसे लगाते हैं। अगर आप जानकारी के साथ शेयर मार्केट में पैसा लगाते हैं तो यह एक समझदारी भरा निवेश है।

4. क्या शेयर बाजार में फुल टाइम नौकरी जैसा काम होता है?
नहीं। आप नौकरी करते हुए भी शेयर मार्केट में निवेश तो कर सकते हैं। लेकिन शेयर मार्केट में ट्रेडिंग करना फुल टाइम करियर हो सकता है, जो कि अनुभव मांगता है।

5. कौन-सी ऐप से ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं?
Zerodha, Groww, Upstox, Angel One आदि जैसी कई ऐप्स हैं जहाँ आप Demat और Trading अकाउंट खोल सकते हैं।

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