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म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट और रेगुलर प्लान क्या है? ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन में क्या फर्क है?

 आज हम इस लेख के माध्यम से जांनने वाले हैं कि म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट और रेगुलर प्लान क्या है? और साथ ही ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन में क्या फर्क है? तो हम आपको यहाँ पर बताते चलें कि ये दोनों ही प्रश्न म्यूचुअल फंड निवेश की दुनिया में अपना अलग - अलग महत्त्व रखते हैं। एक तरफ जहाँ म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट और रेगुलर प्लान की बात आती है। तो ये दोनों ही शब्द निवेश से जुड़े हैं और जबकि म्यूचुअल फंड में ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन आपके मुनाफे यानि कि रिटर्न से मतलब रखते हैं। इसे विस्तार से समझने के लिए पुरे लेख को अंत तक जरूर पढ़िए। म्यूचुअल फंड से जुड़ी ऐसी जानकारी शायद कहीं और नहीं मिलेगी। 

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म्यूचुअल फंड क्या है? (Mutual Fund Kya Hai)

जब हम निवेश की बात करते हैं, तो एक नाम सबसे पहले सामने आता है और वो है म्यूचुअल फंड। यह एक ऐसा माध्यम है, जहां बहुत से निवेशक अपना पैसा इकट्ठा करते हैं और उसे फंड मैनेजर के जरिए विभिन्न शेयरों, बॉन्ड्स और अन्य प्रतिभूतियों में लगाया जाता है।


लेकिन आपके के सामने असली चुनौती तब आती है जब आपको यह समझना होता है कि किस प्लान में निवेश करें, जैसे कि डायरेक्ट प्लान  या रेगुलर प्लान? और साथ ही, ग्रोथ ऑप्शन चुनें या डिविडेंड ऑप्शन?


आइए, इसे आसान भाषा में समझते हैं।

विस्तार से जानिए : 👉 म्यूचुअल फंड क्या है? 


म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट और रेगुलर प्लान क्या होते हैं?

डायरेक्ट प्लान और रेगुलर प्लान, ये दोनों ही टर्म आपके निवेश से जुड़े होते हैं। यही पर आपको  स्पष्ट करना होता है कि आप फंड में कैसे निवेश करना चाह रहे हैं। आइये, इसे और अच्छे से समझते हैं।  


डायरेक्ट प्लान क्या है?

डायरेक्ट प्लान, जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि Direct Plan वह प्लान होता है जहां आप सीधे AMC (Asset Management Company) के माध्यम से निवेश करते हैं। इसमें कोई बिचौलिया नहीं होता। जिससे आपको किसी भी प्रकार का  कमीशन नहीं देना पड़ता है। इससे आपके निवेश का एक्सपेंस रेशियो (खर्च प्रतिशत) कम हो जाता है। साथ ही NAV भी ज्यादा होती है। इसी कारण लंबे समय में आपको अच्छा रिटर्न मिल सकता है


उदाहरण के तौर पर: अगर आपने डायरेक्ट प्लान में ₹1 लाख लगाए, तो रेगुलर की तुलना में 10 साल में 50,000 से ₹1 लाख तक ज्यादा रिटर्न मिल सकता है।


 रेगुलर प्लान क्या है?

रेगुलर प्लान में आप किसी एजेंट, ब्रोकर या थर्ड पार्टी ऐप के जरिए निवेश करते हैं। इसमें एजेंट को कमीशन देना होता है। एक्सपेंस रेशियो ज्यादा होता है। रेगुलर प्लान में NAV डायरेक्ट प्लान से कम होती है। रेगुलर प्लान में शुरुआती निवेशकों को मार्गदर्शन मिल जाता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो निवेश की तकनीकी बातों में ज्यादा उलझना नहीं चाहते। या फिर Mutual Fund निवेश की दुनिया के लिए नए हैं। 


डायरेक्ट बनाम रेगुलर – एक नजर में तुलना

पहलू                                                 डायरेक्ट प्लान                                                 रेगुलर प्लान

निवेश कैसे होता है                         AMC से सीधा                                         एजेंट के माध्यम से

एक्सपेंस रेशियो                                     कम                                                 ज़्यादा

NAV                                                 ज़्यादा                                         कम

रिटर्न                                                  बेहतर                                         थोड़े कम

मार्गदर्शन                                         खुद ही करना होता है                         एजेंट देता है


म्यूचुअल फंड में ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन क्या होते हैं?

ग्रोथ ऑप्शन और डिविडेंड ऑप्शन, ये दोनों ही टर्म आपके निवेश पर रिटर्न से जुड़े हैं। यहाँ पर आपको ये ध्यान देना होता है कि आप फंड में किये गए निवेश से किस प्रकार का रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं।  आइये, इसे भी समझ लेते हैं।  


ग्रोथ ऑप्शन (Growth Option)

Growth Option ही आपके निवेश का वो जरिया है जो कि आपके छोटे -छोटे टुकड़ों में किये गए निवेश को एक बड़ी पूजी में बदलता है और लम्बे समय में उम्मीद से भी ज्यादा रिटर्न आपको मिल जाता है।  Growth Option में आपके निवेश से जो भी लाभ होता है, वह फंड में पुनर्निवेश होता है। यानी आपको कोई डिविडेंड नहीं मिलता है, बल्कि वह पैसा आपके लिए और अधिक पैसा कमाने का जरिया बन जाता है । साथ ही लंबी अवधि में बड़ा फंड बनता है।  Growth Option में NAV ज्यादा तेजी से बढ़ती है। इसी लिए Growth Option को Wealth Creation के लिए सबसे बढ़िया माना जाता है। । 


उदाहरण: SIP के ज़रिए ग्रोथ प्लान में 10 साल निवेश करने पर कई गुना ज़्यादा पैसा बन सकता है, अगर आप डिविडेंड न लें।


डिविडेंड ऑप्शन (IDCW – Income Distribution cum Capital Withdrawal)

पहले जिसे डिविडेंड ऑप्शन कहते थे, अब उसे IDCW कहा जाता है। इसमें फंड का लाभांश (profit) आपको समय-समय पर नकद रूप में मिल जाता है। अगर आपको रेगुलर इनकम की ज़रूरत हो तो इसके लिए डिविडेंड ऑप्शन (IDCW) एक अच्छा विकल्प माना जाता है।  समय समय पर मिलने वाला Dividend Income आपके द्वारा निवेशित फंड से ही दिया जाता है। इसीकारण जब आपको डिविडेंड मिलता है तो ये उस फंड के NAV में कटौती होती है। साथ ही ये इनकम टैक्सेबल होती है। 


म्यूचुअल फंड का सही चुनाव कैसे करें? – समझिए अपनी ज़रूरत के हिसाब से

शायद, आपको ये मालूम होगा कि हर निवेशक की सोच, स्थिति और लक्ष्य अलग-अलग होते हैं। कोई जल्दी पैसे कमाना चाहता है, तो कोई अपने भविष्य के लिए बड़ा फंड तैयार करना चाहता है। इसलिए एक ही योजना सबके लिए सही नहीं हो सकती।


अब आइए इन चारों संयोजनों को सरल भाषा में समझते हैं:


1. डायरेक्ट + ग्रोथ प्लान – जानकार और लॉन्ग टर्म निवेशकों के लिए

अगर आप निवेश की बारीकियों को समझते हैं, रिसर्च कर सकते हैं, और 5 से 10 साल या उससे ज़्यादा समय तक पैसा लगाए रखना चाहते हैं। तो यह संयोजन आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। इसमें आपको  एजेंट का कमीशन नहीं देना पड़ता है। इसका एक्सपेंस रेशियो भी बहुत कम होता है। साथ ही रिटर्न ज़्यादा मिलता है। सभी फंड्स के ग्रोथ ऑप्शन में पैसा बढ़ता ही रहता है। लेकिन इसके लिए आपको फंड से जुड़ी जानकारी खुद ही रखनी होगी। 


यह खासकर, नए उम्र के लोगों के लिए जैसे कि 18 से 25 साल के युवा, जो SIP से लम्बे समय तक निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए ये संयोजन आदर्श है।


2. डायरेक्ट + डिविडेंड प्लान – अनुभवी लेकिन रेगुलर इनकम चाहने वालों के लिए

अगर आप थोड़ी-बहुत जानकारी रखते हैं और AMC की वेबसाइट या एप से सीधे निवेश कर सकते हैं, लेकिन आपको समय-समय पर थोड़ी इनकम की ज़रूरत है, तो यह संयोजन आपके लिए ठीक रहेगा। चूँकि डायरेक्ट प्लान आप स्वतः ही खरीदते हैं जिसके कारण इसमें लागत कम आता है। साथ ही डिविडेंड से बीच-बीच में अच्छी इनकम भी मिलती रहती है।  लेकिन यह भी ध्यान रखें कि डिविडेंड पर टैक्स लगता है, और ग्रोथ ऑप्शन जितना पैसा नहीं बनता। 


यह खासकर, उम्रदराज और अनुभवी लोगों के लिए आदर्श है।  या फिर एक रिटायर्ड व्यक्ति जो AMC की वेबसाइट से SIP करते हैं और हर कुछ महीनों में डिविडेंड पाना चाहते हैं।


3. रेगुलर + ग्रोथ प्लान – शुरुआती और गाइडेंस चाहने वाले निवेशकों के लिए

अगर आप निवेश की शुरुआत कर रहे हैं और खुद से फंड चुनना या फाइनेंशियल टर्म्स समझना मुश्किल लगता है। तो किसी सलाहकार या ब्रोकर की मदद लेकर रेगुलर प्लान चुन सकते हैं। अब अगर आपको भविष्य के लिए पैसा बढ़ाना है, तो ग्रोथ ऑप्शन बेहतर रहेगा। साथ ही फंड से जुड़ी जानकारी प्राप्त करने में इन लोगो से आपको मदद मिलती है। ग्रोथ प्लान में रिटर्न बढ़िया होता है।  लेकिन इसमें एजेंट का कमीशन लगता है, जिससे रिटर्न थोड़ा कम हो सकता है। 


यह खासकर नए उम्र के लोगों के लिए बढ़िया है, जैसे कि 30 साल का नौकरीपेशा व्यक्ति जिसे SIP की शुरुआत करनी है लेकिन मार्गदर्शन की जरूरत है।


4. रेगुलर + डिविडेंड प्लान – सीनियर सिटिजन या मासिक इनकम चाहने वालों के लिए

यह संयोजन उन लोगों के लिए बेहतर है जो हर महीने या हर तिमाही कुछ कैश इन हैंड चाहते हैं और खुद से निवेश मैनेज नहीं करना चाहते। ऐसे लोगो का  एजेंट या ब्रोकर फंड हैंडल करने में मदद करता है। साथ ही डिविडेंड ऑप्शन से रेगुलर इनकम भी मिलती रहती है।  लेकिन ये विकल्प दीर्घकालिक फंड ग्रोथ के लिए ठीक नहीं है। 


ये खासकर 60+ उम्र के निवेशकों के लिए बढ़िया है जो हर महीने कुछ इनकम पाना चाहते हैं और रिस्क नहीं लेना चाहते।


निष्कर्ष: 

अब हमें उम्मीद है कि म्यूचुअल फंड में डायरेक्ट और रेगुलर प्लान क्या है? ग्रोथ और डिविडेंड ऑप्शन में क्या फर्क है?, ये सारी चीजें आपको समझा में आ ही गयी होंगी। म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत ही आसान है, लेकिन यह तभी फायदेमंद होता है जब आप अपनी जरूरतों, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि को ध्यान में रखकर सही प्लान और ऑप्शन चुनें।


👉🏻 यदि आप रिसर्च कर सकते हैं और रेगुलर इनकम चाहिए, तो डायरेक्ट + ग्रोथ या फिर डायरेक्ट + डिविडेंड आपके लिए सबसे फायदेमंद रहेगा।

👉🏻 अगर आपको मार्गदर्शन और रेगुलर इनकम चाहिए, तो आप रेगुलर + ग्रोथ या फिर रेगुलर + डिविडेंड अपनाएं।


हमेशा याद रखें: निवेश की शुरुआत जानकारी से होती है, और सफलता धैर्य से।मिलती है। अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करके बढ़िया पैसा कमाना चाहते हैं तो अधिक से अधिक लर्निंग पर फोकस कीजिए।  


Disclaimer : यह लेख केवल जानकारी प्राप्त करने के लिए लिखा गया है।  इस लेख के आधार पर कृपया कोई वित्तीय निर्णय मत ले। इस लेख के आधार पर यदि कोई किसी प्रकार का वित्तीय निर्णय लेता है, तो उसकी स्वयं की जिम्मेदारी होगी। या फिर किसी योग्य सलाहकार से संपर्क करें। 


❓ FAQs – आपके सवाल, हमारे जवाब

Q1. डायरेक्ट और रेगुलर प्लान में कितना फर्क होता है?

👉🏻 लंबे समय में लाखों रुपये का फर्क हो सकता है, क्योंकि डायरेक्ट प्लान में एक्सपेंस रेशियो कम होता है। जबकि रेगुलर प्लान में एक्सपेंस  रेशियो ज्यादा होता है। 


Q2. क्या डिविडेंड ऑप्शन टैक्स फ्री होता है?

👉🏻 नहीं, डिविडेंड पर टैक्स लगता है और वह आपकी टैक्सेबल इनकम में जुड़ता है।


Q3. ग्रोथ ऑप्शन कब फायदेमंद होता है?

👉🏻 जब आप लंबी अवधि तक निवेश करना चाहते हैं साथ ही कंपाउंडिंग का भी फायदा लेना चाहते हैं।


Q4. क्या रेगुलर प्लान में निवेश महंगा होता है?

👉🏻 हाँ, क्योंकि एजेंट को कमीशन दिया जाता है जो आपके फंड से ही कटता है।


Q5. क्या मैं डायरेक्ट से रेगुलर में बदल सकता हूँ?

👉🏻 हाँ, लेकिन इसके लिए नए फोलियो के तहत ट्रांसफर करना होता है।

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