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CAGR Meaning in Hindi | CAGR क्या है और इसे कैसे Calculate करें?

"निवेश का असली जादू CAGR में ही छिपा है, क्योंकि यही बताता है कि आपका पैसा धीरे-धीरे कंपाउंड होकर कितनी ताकत से बढ़ रहा है।"

अगर आप शेयर बाजार (Share Market), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) या किसी भी निवेश (Investment) की दुनिया से जुड़े हैं, तो आपने कई बार एक शब्द जरूर सुना होगा – CAGR (सीएजीआर)


👉 आपने यह भी सुना होगा –

"इस म्यूचुअल फंड ने पिछले 10 सालों में 15% CAGR का रिटर्न दिया।"

"इस कंपनी के प्रॉफिट में इस साल 20% CAGR की ग्रोथ दर्ज हुई।"

"निफ्टी 50 इंडेक्स ने 15 साल में लगभग 12% CAGR रिटर्न दिया।"


लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर ये CAGR होता क्या है? 

क्योंकि जहाँ देखिये, वहीं मतलब कि निवेश की दुनिया में हर जगह CAGR का ज़िक्र किया जाता है और यह हमारे निवेश को समझने के लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है?


चलिए आज हम इसे बेहद सरल भाषा और आसान उदाहरणों के साथ विस्तार से समझते हैं।


CAGR क्या है? (What is CAGR in Hindi)

CAGR का मतलब है Compounded Annual Growth Rate यानी सालाना चक्रवृद्धि वृद्धि दर


और भी आसान शब्दों में – CAGR बताता है कि आपका निवेश हर साल औसतन कितनी दर से बढ़ा।


मान लीजिए आपने किसी म्यूचुअल फंड में ₹1 लाख का निवेश किया और 10 साल बाद वह बढ़कर ₹3 लाख हो गया।

तो CAGR ही हमें यह बताएगा कि औसतन हर साल आपके द्वारा निवेश कए गए इन पैसों ने कितनी कंपाउंडेड ग्रोथ ली।


CAGR क्यों जरूरी है?

शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड की दुनिया में सिर्फ कुल रिटर्न देखना ही काफी नहीं होता।


👉 उदाहरण के लिए –

आपने किसी शेयर में 5 साल पहले ₹1 लाख लगाए और आज उसकी वैल्यू ₹2 लाख हो गई।

जबकि आपके दोस्त ने किसी दूसरे शेयर में ₹1 लाख लगाए और आज उसकी वैल्यू भी ₹2 लाख हो गई।


अब दोनों को देखकर लगेगा कि दोनों को एक जैसा फायदा हुआ।

लेकिन इसका असल अंतर CAGR से ही पता चलता है।


👉 अगर पहले शेयर को ₹2 लाख बनने में 5 साल लगे और दूसरे को सिर्फ 3 साल, तो दोनों का CAGR अलग होगा। जबकि दोनों का रिजल्ट एक जैसे ही हैं। 

यानी CAGR ही हमें असली "Growth Rate" बताता है।


CAGR का फुल फॉर्म | Full Form of CAGR in Hindi

CAGR = Compounded Annual Growth Rate

हिंदी में – सालाना चक्रवृद्धि वृद्धि दर।


CAGR का फार्मूला (CAGR Formula in Hindi)

CAGR निकालने का फॉर्मूला है –

 CAGR = (FV/SV)1/n(Year) – 1 

जहाँ,

  • FV (Final Value) = निवेश की अंतिम राशि। यह वह वैल्यू है जो आपको आपके निवेश पर अंतिम बार मिलता है। 
  • SV (Starting Value) = शुरुआती निवेश राशि। निवेश के शुरुआत में आपके द्वारा लगाई गयी धनराशि है। 
  • n(Years) = निवेश की अवधि। आपने जितने दिनों के लिए किया था। 


CAGR कैसे Calculate करें? (Step by Step Example)

मान लीजिए आपने 2015 में किसी म्यूचुअल फंड में ₹50,000 निवेश किया। और 2020 में यानी 5 साल बाद उसकी वैल्यू बढ़कर ₹1,00,000 हो गई।

अब,

𝐶𝐴𝐺𝑅= (1,00,000/50,000)1/5−1

𝐶𝐴𝐺𝑅= (2)0.2−1

𝐶𝐴𝐺𝑅=14.87


👉 यानी आपके निवेश ने उन 5 सालों में औसतन हर साल 14.87% कंपाउंडेड रिटर्न दिया।


CAGR का उपयोग कहाँ होता है?

CAGR (Compounded Annual Growth Rate) का उपयोग निवेश और वित्तीय विश्लेषण की दुनिया में कई जगहों पर किया जाता है। यह हमें यह समझने में मदद करता है कि कोई भी निवेश, कंपनी या फंड लंबे समय में औसतन कितनी तेजी से बढ़ा है।


1. शेयर मार्केट (Share Market)

किसी शेयर की कई सालों की औसत ग्रोथ जानने के लिए CAGR का इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण: अगर किसी शेयर की कीमत 2010 में ₹100 थी और 2020 में बढ़कर ₹500 हो गई, तो CAGR बताएगा कि वह हर साल औसतन कितने प्रतिशत की दर से बढ़ा।


2. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund)

म्यूचुअल फंड के 3 साल, 5 साल या 10 साल के रिटर्न की तुलना करने के लिए CAGR सबसे भरोसेमंद तरीका है। यह निवेशकों को यह समझने में मदद करता है कि कौन सा फंड लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।


3. कंपनी का रेवेन्यू और प्रॉफिट

किसी कंपनी की ग्रोथ को मापने के लिए CAGR का उपयोग किया जाता है। जैसे – कंपनी का साल-दर-साल बढ़ता हुआ प्रॉफिट या सेल्स।


4. बिज़नेस एनालिसिस (Business Analysis)

कोई भी बिज़नेस समय के साथ कितनी तेज़ी से बढ़ रहा है, यह जानने के लिए CAGR का उपयोग किया जाता है। यह निवेशकों और एनालिस्ट्स को कंपनी की असली ग्रोथ क्षमता बताता है।


5. बैंक FD और अन्य निवेश

CAGR का इस्तेमाल बैंक FD, गोल्ड, रियल एस्टेट और अन्य निवेशों के औसत सालाना रिटर्न को समझने के लिए भी किया जा सकता है।


6. लॉन्ग-टर्म Comparison

अगर आपको अलग-अलग निवेश विकल्पों (जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड, FD, गोल्ड आदि) की तुलना करनी हो, तो CAGR सबसे अच्छा तरीका है।


CAGR Calculator क्या है?

CAGR Calculator एक वित्तीय टूल (Financial Tool) है, जिसका उपयोग किसी निवेश (Investment) की औसत वार्षिक वृद्धि दर (Average Annual Growth Rate) निकालने के लिए किया जाता है। यह आपको बताता है कि आपका पैसा किसी निश्चित समयावधि (Time Period) में हर साल कितनी स्थिर दर (Fixed Rate) से बढ़ा है।


यानी, अगर आपने किसी फंड, शेयर या स्कीम में पैसा लगाया है और कुछ सालों बाद उसकी वैल्यू बढ़ गई है, तो CAGR Calculator से आप यह पता लगा सकते हैं कि आपके पैसे की औसतन सालाना वृद्धि कितनी रही।

👉 इसमें आपको सिर्फ ये तीन जानकारी डालनी होती है –

  • शुरुआती निवेश राशि (Starting Value)
  • अंतिम राशि (Final Value)
  • समय अवधि (Years)

और तुरंत आपको आपका CAGR रिटर्न मिल जाता है।


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CAGR के फायदे

  • असली ग्रोथ बताता है – सिर्फ कुल रिटर्न नहीं बल्कि सालाना औसत रिटर्न दिखाता है।
  • Investment Comparison आसान बनाता है – अलग-अलग फंड या शेयर के रिटर्न की तुलना कर सकते हैं।
  • लंबे समय के निवेश को समझने में मददगार – आप जान सकते हैं कि लंबे समय में निवेश कितना Grow हुआ।


CAGR की Limitations (कमियां)

  • Volatility नहीं दिखाता – किसी साल ज्यादा और किसी साल कम रिटर्न मिला, यह CAGR से नहीं पता चलता।
  • Short-term के लिए उपयोगी नहीं – यह ज्यादा अच्छे से लंबी अवधि (3 साल+) के लिए काम करता है।
  • Only Average Return बताता है – बीच के उतार-चढ़ाव की कहानी नहीं बताता।


5% CAGR का मतलब क्या है?

अगर किसी निवेश पर आपको 5% का CAGR मिला है, तो इसका मतलब है कि 👉 आपके पैसे ने हर साल औसतन 5% की दर से कंपाउंड होकर वृद्धि की है।


उदहारण के लिए मान लीजिए कि आपने किसी कंपनी के शेयर में ₹1,00,000 निवेश किया और इस पर आपको 10 साल तक 5% का CAGR मिला। तो ऐसे में आपका निवेश 10 साल में बढ़कर लगभग ₹1,62,889 हो जाएगा।


CAGR और Absolute Return में क्या अंतर है?

निवेश की दुनिया में अक्सर दो शब्द सुनने को मिलते हैं – Absolute Return और CAGR (Compound Annual Growth Rate)। दोनों ही निवेश पर मिलने वाले रिटर्न को दर्शाते हैं, लेकिन इनकी गणना और महत्व अलग-अलग होता है। आइए, इसे भी जान लेते हैं।  


1. Absolute Return (संपूर्ण रिटर्न)

Absolute Return वह होता है जो आपके निवेश की कुल अवधि (टाइम पीरियड) में मिला हुआ कुल रिटर्न दिखाता है। इसमें समय (यानी कितने साल तक निवेश रखा गया ) का ध्यान नहीं रखा जाता। इसका फ़ॉर्मूला है:


Absolute Return (%)=Final Value – Initial Value / Initial Value × 100


उदाहरण के तौर पर, यदि आपने ₹1,00,000 निवेश किया और 3 साल बाद उसकी वैल्यू ₹1,50,000 हो गई, तो Absolute Return = 50% होगा। यानी आपने पूरे 3 साल में कुल 50% का लाभ कमाया, लेकिन यह नहीं बताता कि हर साल आपका निवेश कितनी दर से बढ़ा।


2. CAGR (Compound Annual Growth Rate)

CAGR आपके निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर (Average Annual Growth Rate) बताता है। इसमें समय (years) को ध्यान में रखा जाता है। जैसे कि यह मानो कि हर साल आपका पैसा एक समान प्रतिशत से बढ़ रहा हो। इसका फ़ॉर्मूला है:


𝐶𝐴𝐺𝑅=(𝐹𝑖𝑛𝑎𝑙𝑉𝑎𝑙𝑢𝑒𝐼 / 𝑛𝑖𝑡𝑖𝑎𝑙𝑉𝑎𝑙𝑢𝑒)1/𝑛−1

(जहाँ n = सालों की संख्या है)

उदाहरण के लिए, यदि वही केस लें तो, आपका निवेश ₹1,00,000, मिला आपको ₹1,50,000  और इसमें समय लगा 3 साल। यहाँ CAGR = 14.47% आएगा। इसका मतलब यह हुआ कि आपके निवेश ने औसतन हर साल लगभग 14.47% की दर से वृद्धि की।


अगर हम सीधे शब्दों में कहें तो Absolute Return आपको सिर्फ यह बताता है कि आपने कुल कितना लाभ या हानि कमाया, जबकि CAGR यह स्पष्ट करता है कि आपका निवेश हर साल औसतन कितनी रफ्तार से बढ़ा।


Absolute Return शॉर्ट-टर्म निवेश या त्वरित तुलना के लिए उपयोगी होता है क्योंकि इसकी गणना आसान होती है। वहीं, CAGR लॉन्ग-टर्म निवेश की परफॉर्मेंस को समझने के लिए अधिक उपयुक्त है क्योंकि यह सटीक और समय को ध्यान में रखकर परिणाम देता है।


निष्कर्ष (Conclusion)

CAGR और Absolute Return दोनों ही निवेश के रिटर्न को मापने के महत्वपूर्ण तरीके हैं, लेकिन उनका उपयोग अलग-अलग परिस्थितियों में किया जाता है। Absolute Return आपको आपके निवेश का कुल लाभ या हानि दिखाता है, जबकि CAGR आपको यह बताता है कि आपका निवेश हर साल औसतन कितनी दर से बढ़ा।

👉 यदि निवेश अल्पावधि (short-term) का है, तो Absolute Return उपयोगी होता है।

👉 वहीं, दीर्घावधि (long-term) निवेश के प्रदर्शन को समझने के लिए CAGR अधिक सही तस्वीर प्रस्तुत करता है।

इसलिए, निवेश का सही आकलन करने के लिए दोनों को समझना और परिस्थिति अनुसार इस्तेमाल करना बेहद ज़रूरी है।


⚠️ डिस्क्लेमर

यह लेख केवल शैक्षिक उद्देश्य (Educational Purpose) के लिए लिखा गया है। इसमें दी गई जानकारी निवेश सलाह (Investment Advice) नहीं है। शेयर बाजार और म्यूचुअल फंड में निवेश बाज़ार जोखिमों के अधीन है। किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार (Financial Advisor) से परामर्श अवश्य करें।


FAQs (CAGR से जुड़े आम सवाल)

Q1: CAGR का फॉर्मूला याद रखना क्यों ज़रूरी है?

👉 CAGR का फॉर्मूला याद रखने से आप खुद अपने निवेश की औसत वार्षिक वृद्धि दर निकाल सकते हैं। इससे आप अलग-अलग निवेश विकल्पों की तुलना कर पाते हैं और सही निर्णय ले सकते हैं।


Q2: क्या CAGR हमेशा सही तस्वीर दिखाता है?

👉 नहीं। CAGR सिर्फ औसत रिटर्न बताता है, लेकिन बीच के सालों के उतार-चढ़ाव (Volatility) को नहीं दिखाता। इसलिए यह लॉन्ग-टर्म परफॉर्मेंस के लिए बेहतर है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में इसकी सीमाएँ हैं।


Q3: क्या CAGR और XIRR एक ही हैं?

👉 नहीं। CAGR सिर्फ शुरुआती और अंतिम वैल्यू के आधार पर रिटर्न बताता है। जबकि XIRR (Extended Internal Rate of Return) में यह भी ध्यान रखा जाता है कि आपने कब-कब पैसा निवेश किया और कब निकाला।


Q4: क्या CAGR से हम फ्यूचर रिटर्न का अनुमान लगा सकते हैं?

👉 CAGR सिर्फ पिछले प्रदर्शन (Past Performance) को बताता है। भविष्य में रिटर्न कैसा होगा, यह इससे तय नहीं किया जा सकता।


Q5: अच्छा CAGR कितना माना जाता है?

👉 यह Asset Class पर निर्भर करता है।

  • FD में 8-10% CAGR अच्छा है।
  • म्यूचुअल फंड में 12-15% CAGR अच्छा माना जाता है।
  • शेयर मार्केट में लंबे समय में 15-20% CAGR शानदार माना जा सकता है।

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